काशी विश्वनाथ मंदिर का महत्व और कथा
लेखक: Hindu Mandir Puja | June 2025
काशी विश्वनाथ मंदिर केवल एक मंदिर नहीं है। यह वह स्थान है जहां भगवान शिव स्वयं मोक्ष का वरदान देते हैं। यह मंदिर काशी नगरी का ह्रदय है। काशी को स्वयं भगवान शिव की नगरी कहा गया है और काशी विश्वनाथ मंदिर इस नगरी का सबसे पवित्र स्थल माना जाता है।
भगवान शिव का यह ज्योतिर्लिंग द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है। कहा जाता है कि जब सृष्टि की रचना हुई, भगवान शिव ने इस नगरी को अपने त्रिशूल पर धारण कर अविनाशी बना दिया।
काशी को मोक्ष की नगरी क्यों कहते हैं?
यहां मृत्यु के समय भगवान शिव स्वयं भक्त के कान में "तारक मंत्र" का उपदेश देते हैं, जिससे उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।
शास्त्रों के अनुसार, काशी विश्वनाथ के दर्शन मात्र से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस मंदिर में जल, दूध, बेलपत्र चढ़ाकर की गई पूजा जीवन की हर परेशानी को दूर कर सकती है।
इतिहास और आस्था
मंदिर का इतिहास अनेक उत्थान-पतन से भरा हुआ है। कई बार विध्वंस के बाद भी यह मंदिर पुनः खड़ा हुआ – और हर बार पहले से अधिक भव्यता के साथ।
यह हमें यह सिखाता है कि सच्चाई और भक्ति को कोई नष्ट नहीं कर सकता।
"काशी में मृत्यु पाना मोक्ष पाने के समान है।"
भक्तों का अनुभव
हर दिन हजारों श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन करते हैं। जलाभिषेक करते हैं और अपने जीवन की शांति, सुरक्षा और मोक्ष की कामना करते हैं।
संत तुलसीदास ने कहा था – काशी में मृत्यु का भय नहीं होता, क्योंकि यहां भगवान शिव स्वयं तारक मंत्र देकर आत्मा को मुक्त करते हैं।
जीवन के लिए संदेश
यह मंदिर हमें सिखाता है कि जीवन में क्रोध, अहंकार, लोभ का कोई मूल्य नहीं। भक्ति, सेवा और सत्य का मार्ग ही परमात्मा तक पहुंचने का रास्ता है।
जब भक्त मंदिर के गर्भगृह में शिवलिंग पर जल अर्पण करता है, तो उसका मन शांत हो जाता है, और आत्मा भक्ति से भर जाती है। यह अनुभूति शब्दों से परे है।
काशी विश्वनाथ मंदिर आत्मा और परमात्मा के मिलन का पवित्र स्थल है – जहां हर घंटी, हर मंत्र, हर ध्वनि आपको भगवान के और निकट ले जाती है।