पद्म पुराण और स्कंद पुराण में सत्यनारायण कथा का विशेष महत्त्व वर्णित है। कहा गया है कि एकादशी के पावन दिन इस कथा का श्रवण और पूजन करने से घर में भगवान विष्णु की दिव्य कृपा का आगमन होता है। इससे न केवल धन-धान्य की वृद्धि और सुख-शांति मिलती है, बल्कि वैवाहिक जीवन में भी प्रेम, सामंजस्य और स्थिरता बनी रहती है।
सत्यनारायण कथा पूरे परिवार को उत्तम स्वास्थ्य, दीर्घायु और धर्म के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है। यह कथा व्यक्ति के भीतर आत्मिक शुद्धि और चेतना का उदय करती है, जिससे उसे अपने पूर्व जन्मों के पापों से मुक्ति और जीवन में आध्यात्मिक प्रगति का मार्ग प्राप्त होता है।
यह कथा नकारात्मक ऊर्जा, शारीरिक रोगों और दैविक बाधाओं को दूर करती है। जो लोग लगातार मानसिक या पारिवारिक तनाव में रहते हैं, उन्हें शांति मिलती है।
शांति और संतुलन का अनुभव करें, तनाव को कम करें और जीवन से नकारात्मकता को दूर करें।
कथा सुनने और करवाने से अपूर्ण कार्य सिद्ध होते हैं। चाहे विवाह, संतान, नौकरी या व्यापार हर प्रकार की मनोकामना पूरी होती है।
पद्म पुराण के अनुसार, यह कथा न केवल इस जन्म की समस्याएं दूर करती है, बल्कि पूर्व जन्मों के पापों का क्षय कर देती है और व्यक्ति को मोक्ष की ओर ले जाती है।
आदि केशव मंदिर, काशी (वाराणसी) का एक अत्यंत प्राचीन और दिव्य शक्ति से युक्त मंदिर है। यह मंदिर वरुणा और गंगा नदियों के संगम पर स्थित है और भगवान विष्णु के "आदि" रूप को समर्पित है।
पवित्र ग्रंथों के अनुसार, यही वह स्थान है जहाँ भगवान विष्णु ने सबसे पहले काशी में चरण रखा था, और इस भूमि को अपने आशीवाद से पवित्र किया था।
यहाँ पूजा करवाने से मोक्ष की प्राप्ति होती है, परिवार में शांति आती है और कर्म बंधनों से मुक्ति मिलती है। देशभर से श्रद्धालु यहाँ सत्यनारायण कथा, एकादशी व्रत, और भगवान विष्णु से संबंधित अन्य पूजाएं करवाने आते हैं – खासकर धन, सुख, विवाह, और आध्यात्मिक उन्नति के लिए आशीवाद लेने।
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